ABOUT Jeevotthaan Foundation
Jeevothan Foundation is Non-Profit Organization a Charitable Trust (NGO). Whose founder is Mrs. Leena Sharma.. This non-profit organization works for the welfare of all, without any discrimination in caste, religion, society etc. This organization believes that it is its own brother and it is not its own brother, such calculations are done by small minded people with borrowed heart. The whole earth of the people is the family, as in the Upanishads of Sanatan culture there is a verse Vasudhaiv Kutumbkam which is as follows
"अयं निज: परो वेति गणना लघुचतेसाम्। उदारचरितानां तु बसुधैब कुटुम्बकम || (महोपिनषद्, अध्याय ४, श्लोक ७१)
"
Meaning - It is its own brother and it is not its own brother, such calculations are done by small minded people. For
people with a generous heart, the (entire) earth is family.
that works on ideology.
Jivoththan Foundation to help in providing employment to the
unemployed, to provide education to poor children, to support the
helpless people, to work to liberate people financially, to give the right
message to the public, to do social service, to do the right thing for the
public. To spread the message of giving charity] to spread the ancient
science based Sanatan culture of India To make public aware of evil
practice, Ancient, historical, and Religious. To renovate and operate
public places, Equality by uniting the public Harmony, To give message
of friendship, love and unity. Multi-purposes like co-operation in
epidemic like corona and various other calamities. Along with this, for
the welfare of the entire world in all respects, all public interest service
works for the upbringing of all living beings.
जीवोत्थान फाउंडेशन वाला गैर लाभकारी सघटन (Non-Profit Organization) एक चेरिटेबल ट्रस्ट है | जिसकी संस्थापिका श्रीमती लीना शर्मा हैं | यह गैर लाभकारी संघटन सभी के कल्याण के लिए बिना किसी जाति धर्म समाज आदि में भेदभाव किये कार्य करता है इस संस्था का मानना है की यह अपना बंधू है और यह अपना बंधू नहीं है इस तरह की गड़ना छोटे चित्त वाले लोग करते हैं उदार हृदय वाले लोगों की तो सम्पूर्ण धरती ही परिवार है जैसा की सनातन संस्कृति के उपनिषदों में एक श्लोक वसुधा कुटम्बकम जो कि इस प्रकार हैं
"अयं निज: परो वेति गणना लघुचतेसाम्। उदारचरितानां तु बसुधैब कुटुम्बकम || (महोपिनषद्, अध्याय ४, श्लोक ७१)
अर्थ - यह अपना बंधू है और यह अपना बंधू नहीं है, इस तरह की गणना छोटे चित्त वाले लोग करते हैं। उदार , हृदय वाले लोगों की तो (संपूर्ण) धरती ही परिवार है"
की विचारधारा पर कार्य करती है
जीवोत्थान फाउंडेशन बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने में सहयोग करने, गरीब बच्चों को शिक्षा प्रदान करने, असहाय लोगों को सहारा देने, आर्थिक रूप से लोगों को मुफ्त कराने हेतु कार्य करने, जनमानस को उचित सन्देश देने समाज सेवा करने, जनमानस को उचित कार्य में दान देने का सन्देश देने, भारत की प्राचीन विज्ञान आधारित सनातन संस्कृति का प्रचार प्रसार करने, कुप्रथाओं के लिए जनमानस को जागरूक करने, प्राचीन ऐतिहासिक, धार्मिक, सार्वजनिक स्थलों जीर्डोंद्वार एवं संचालन करने, जनमानस को एकजुट कर समानता, समरसता, मैत्री प्रेम व एकता का सन्देश देने, कोरोना जैसी महामारी तथा अन्य विभिन्न आपदाओं में जान सहयोग करने जैसे बहुद्देश्यों के साथ सभी प्रकार से सम्पूर्ण विश्व के कल्याण हेतु सभी जीवों के उत्थान के लिए सभी जनहित सेवा कार्य करती है
our mission
To generate resources through fundraising initiatives and community partnerships, and use those funds to make an impact in the lives of children
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